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देशी बड़ा पाव को कैसे बनाया भारत का ब्रांड, पढ़िए वेंकटेश अय्यर की 350 करोड़ की कामयाबी

15 साल के कॉर्पोरेट अनुभव के बाद, वेंकटेश अय्यर  ने  देखा कि मुंबई में लाखों लोगों को एक स्वस्थ, साफ और पौष्टिक फास्ट फूड की ज़रूरत थी, और वड़ा पाव इस ज़रूरत को पूरा कर सकता था। फिर क्या था उन्होंने एक सालों पुरानी अपनी ख्वाहिश को हकीकत में बदल दिया और मुंबई ही बड़ा पाव को पूरे देश में प्रसिद्दी दिलाई । वेंकटेश अय्यर ने एक ऐसी असाधारण उपलब्धि हासिल की  है जो सफलता की कई कहानियाँ को मीलों पीछे छोड़ चुका है । उनकी कंपनी 'गोली वड़ा पाव' एक सफल ब्रांड के रूप में स्थापित हो चुका है, जिसे हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, आईएमडी स्विट्जरलैंड और आईएसबी जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों ने केस स्टडी के तौर पर अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया है। प्रारंभिक जीवन मध्यमवर्गीय तमिल ब्राह्मण परिवार में जन्मे वेंकटेश को बचपन में यह कहकर ताना मारा जाता था कि 'यदि अच्छे से नहीं पढ़ोगे, तो वड़ा पाव बेचना पड़ेगा।' यह एक आम बात है क्योंकि हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे अच्छी पढ़ाई करके इंजीनियर, डॉक्टर या चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे पेशेवर बनें। वेंकटेश के परिवार की भी यही अपेक्षा थी। लेकिन किसी ने य...

सिर्फ 6 महीने में 600 करोड़ की कंपनी: Ekkaa Electronics के शून्य से शिखर तक पहुंचने का सफर

   Ekkaa Electronics की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, कंपनी की शुरुआत सागर गुप्ता ने 2018 में की थी, और वर्तमान में इसका वार्षिक टर्नओवर 600 करोड़ रुपये से अधिक है। कंपनी में 1,000 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं। एक्का इलेक्ट्रॉनिक्स का दावा है कि 24 इंच से 40 इंच तक की एलईडी टीवी असेंबल करने के मामले में यह देश की सबसे बड़ी कंपनी है। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद, जहां अधिकतर युवा नौकरी की तलाश में लग जाते हैं, वहीं एक युवा ने अपनी मेहनत और लगन के बल पर करोड़ों रुपये की कंपनी खड़ी कर दी। देश में ऐसे कई युवा उद्यमी हैं, जिन्होंने कम समय में अपने बिजनेस और कमाई से लोगों को चकित कर दिया है। इसी सूची में नोएडा के सागर गुप्ता का नाम भी शामिल है। इस युवा उद्यमी ने अपने पिता के साथ मिलकर मात्र 4 वर्षों में करोड़ों रुपये का बिजनेस साम्राज्य खड़ा किया। बीकॉम की पढ़ाई पूरी करने के बाद सागर ने मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस में कदम रखा। उन्होंने 2017 में अपने पिता के साथ मिलकर "एक्का इलेक्ट्रॉनिक्स" की स्थापना की। सिर्फ 4 वर्षों में सागर गुप्ता ने इस कंपनी का कारोबार ₹600 करो...