5 हजार करोड़ रुपये से 40 हजार करोड़ रुपये तक का असाधारण सफर तय करने वाले बिग बुल राकेश झुनझुनवाला भारतीय शेयर बाजार के लिए एक महान प्रेरणा हैं। आइए जानते हैं कि कैसे उनके जुनून, जोखिम उठाने के साहस और अटूट विश्वास ने उन्हें दलाल स्ट्रीट का जादूगर बना दिया। प्रारंभिक जीवन राकेश झुनझुनवाला का जन्म 5 जुलाई 1960 को एक मारवाड़ी अग्रवाल बनिया परिवार में हुआ था। उनके उपनाम से यह पता चलता है कि उनके पूर्वज राजस्थान के झुंझुनू से थे। उन्होंने सिडेनहैम कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और इसके बाद इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) में दाखिला लिया। झुनझुनवाला के पिता आयकर विभाग में अधिकारी थे। पिता को दोस्तों के साथ शेयर बाजार की बातें करते सुन उनका रुझान शुरू हुआ, और पिता ने ही उन्हें बिजनेस की समझ बढ़ाने के लिए रोज़ अखबार पढ़ने की सलाह दी। कैरियर की शुरुआत सिडेनहैम कॉलेज से पढ़ाई और चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने के बावजूद, उन्होंने एक सुरक्षित नौकरी की जगह शेयर बाजार को चुना। भाई से 5,000 उधार लेकर उन्होंने शुरुआत की, और 1986 में जानकारों से ऊंचे ब्याज पर अतिरिक्त पैसे जुटाक...
भारत में चाय सुट्टा बार की स्थापना की कहानी एक आम व्यक्ति के सपनों को पूरा करने का शानदार उदाहरण है। जैसा की सब जानते हैं कि भारत में पानी के बाद चाय सबसे ज्यादा पिया जाने वाला पदार्थ है। चाय की इतनी ज्यादा डिमांड को देखते हुए ही अनुभव दुबे ने अपने दो अन्य दोस्तों के साथ मिल कर चाय सुट्टा बार की स्थापना की और कुछ ही सालों में यह एक बड़ा ब्रांड बन गया। अनुभव दुबे का शुरूआती जीवन काफी गरीबी में बीता था। उनके पिता एक किराना दुकानदार थे और वह अपने पिता की दुकान में काम करते थे। लेकिन उन्होंने कभी नहीं हार मानी और हमेशा उन्होंने अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाने का सपना देखा। उन्होंने अपनी मेहनत और अभ्यास से सफलता हासिल की और अपने जीवन में अग्रणी भूमिका निभाई। प्रारंभिक जीवन अनुभव का जन्म 1996 में हुआ था और उनका होम टाउन मध्यप्रदेश में रीवा है। अनुभव दुबे की कक्षा 8 तक की पढ़ाई रीवा के एक गांव से हुई इसके बाद उनके पिता ने उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए इंदौर भेज दिया। वहां पर उनकी दोस्ती आनंद नायक से हुई जो उनके साथ पढ़ते थे। आनंद ने कुछ साल बाद ही पढ़ाई छोड़ दिया और अपने किसी रि...