आया नया उजाला, चार बूंदों वाला! 90 के दशक का यह मशहूर विज्ञापन वाक्य शायद ही किसी ने न सुना हो। कपड़ों को चमकदार सफेदी देने वाला उजाला नील वर्षों से भारतीय घरों का भरोसेमंद नाम रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उजाला नील बनाने वाली कंपनी और इसके संस्थापक कौन हैं? इस लोकप्रिय ब्रांड के पीछे हैं एम.पी. रामचंद्रन , जिनकी प्रेरणादायक कहानी यह साबित करती है कि दृढ़ निश्चय और मेहनत से कोई भी व्यक्ति बड़ी उपलब्धियाँ हासिल कर सकता है। रामचंद्रन ने अपने भाई से 5000 रुपये उधार लेकर जो छोटी सी अस्थायी फैक्ट्री शुरू की थी, वह आज लगभग 1800 करोड़ रुपये के वार्षिक कारोबार वाली मल्टीलेवल ब्रांड कंपनी बन चुकी है। उन्होंने अनोखे उत्पाद तैयार किए और अनेक नवाचार किए। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का ही परिणाम है कि आज ज्योति लेबोरेटरीज एक प्रतिष्ठित मल्टी ब्रांड कंपनी के रूप में स्थापित है। प्रारंभिक जीवन एम. पी. रामचंद्रन का का जन्म केरल के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। बचपन से ही वे पढ़ाई में मेधावी और जिज्ञासु स्वभाव के थे। उनका झुकाव विज्ञान और प्रयोगों की ओर रहा, जिससे उन...
गौतम अडानी का जन्म 24 जून 1962 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। बचपन में उन्हें काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा। अपने पिता का सहारा बनने के लिए उन्होंने 16 साल की उम्र में अहमदाबाद में घर-घर जाकर साड़ियां बेचने का काम किया। उनका परिवार अहमदाबाद के पोल इलाके की शेठ चॉल में रहता था। एक समय ऐसा था जब गौतम अडानी हीरे छांटने और पैकेजिंग का छोटा सा काम कर अपना गुजारा कर रहे थेे। आज गौतम अडानी के पास एक विशाल कारोबारी साम्राज्य है। उनकी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी देश में 13 बंदरगाहों और सात हवाई अड्डों का संचालन करती है। उनका समूह निजी क्षेत्र में सबसे बड़ी बिजली उत्पादन इकाई है और भारत का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक भी है। गौतम अ़डानी की कंपनी देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता है, एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है, और एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी-बस्तियों के पुनर्विकास में लगी हुई है। इसीलिए कुछ लोग उन्हें नई पीढ़ी के सबसे आक्रामक उद्यमियों में से एक मानते हैं। मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखने वाले गौतम अडानी ने अपनी स्कूली शिक्षा अहमदाबाद के शेठ चिमनलाल नागिंददास विद्यालय से ...