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चार असफल बिजनेस और फिर सफलता की अनोखी उड़ान..पढ़िए गजब की मिसाल

 

 


सफलता उम्र की मोहताज नहीं होती, यह बात मिसाल बनकर साबित की है बिहार के नालंदा जिले के 29 वर्षीय मिस्बाह अशरफ (Misbah Ashraf) ने। बार-बार असफल होने के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी लगन, जुनून और दृढ़ इच्छाशक्ति से सफलता हासिल की। मिस्बाह की कड़ी मेहनत ने उन्हें फोर्ब्स की ‘फोर्ब्स 30 अंडर 30’ सूची में जगह दिलाई। महज 29 साल की उम्र में उन्होंने 2463 करोड़ रुपये की फिनटेक कंपनी खड़ी कर, अपनी सफलता की कहानी लिखी। उनकी यह उपलब्धि साबित करती है कि उम्र केवल एक संख्या है, अगर आप में जुनून और हौसला है तो आप बड़ी से बड़ी ऊंचाई हासिल कर सकते हैं।

मिशबाह अशरफ का शुरुआती जीवन

मिस्बाह अशरफ (Misbah Ashraf) बिहार के नालंदा जिले से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता एक साधारण शिक्षक हैं, और उन्होंने असफलताओं से लड़ते रहने की प्रेरणा अपने पिता से ही पाई। उनकी मां एक गृहिणी हैं, और उनकी शुरुआती शिक्षा नालंदा में ही हुई। मिडिल क्लास परिवार में पले-बढ़े मिस्बाह ने बचपन से ही बड़े सपने देखे थे। इन्हीं सपनों को साकार करने के लिए उन्होंने कम उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया। हालांकि, उन्होंने कॉलेज में दाखिला लिया, लेकिन पहले साल में ही पढ़ाई छोड़ दी। कॉलेज ड्रॉपआउट मिस्बाह को यह एहसास था कि उनकी सफलता का रास्ता बिजनेस से होकर गुजरेगा। आईआईटी दिल्ली के अपने एक दोस्त के साथ मिलकर उन्होंने सितंबर 2013 में सोशल पेमेंट वेंचर "Cibola" की शुरुआत की।

मिस्बाह का पहला वेंचर पेमेंट लाइसेंस की प्रक्रिया में अटक गया। सरकार से उन्हें जरूरी लाइसेंस नहीं मिल पाया, और साथ ही उनके सामने फोनपे और पेटीएम जैसे बड़े प्रतिद्वंदी भी थे। हालातों का इंतजार करने के बजाय उन्होंने आगे बढ़ने का फैसला किया। साल 2017 में मिस्बाह ने एक नया वेंचर शुरू किया, जो फैशन और ब्यूटी प्लेटफॉर्म पर आधारित था। उनके इस प्लेटफॉर्म, Marsplay, ने दो राउंड की फंडिंग भी हासिल की। हालांकि, कोरोना महामारी के दौरान इस वेंचर को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा, जिसके चलते उन्होंने इसे FOXY को बेच दिया।

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जार से मिली सफलता

दो बार असफलताओं का सामना करने के बावजूद, मिस्बाह हार मानने वालों में से नहीं थे। साल 2021 में उन्होंने अपना तीसरा वेंचर, "Jar" (जार), की शुरुआत की। आज उनका यह फिनटेक स्टार्टअप न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी चर्चा का विषय बन चुका है। जार की शुरुआत उन्होंने गोल्ड निवेश के साथ की थी। मिस्बाह अशरफ को साल 2023 की ‘फोर्ब्स 30 अंडर 30’ सूची में जगह मिली, और इस सूची में शामिल होने वाले वह बिहार के इकलौते युवा हैं। अपने स्टार्टअप जार के जरिए मिस्बाह लोगों को छोटी-छोटी बचत करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उनके फाइनेंशियल ऐप की मदद से लोग न केवल बचत कर सकते हैं, बल्कि उस बचत को सोने में भी निवेश कर सकते हैं।


 

काफी कम समय में मिली सफलता

मिस्बाह ने बेहद कम समय में एक बड़ी सफलता हासिल की। उनके फिनटेक ऐप "Jar" ने 11 मिलियन से अधिक यूजर्स का आंकड़ा पार कर लिया। इस स्टार्टअप ने 58 मिलियन डॉलर का निवेश हासिल किया। शुरुआत के सिर्फ एक साल बाद ही कंपनी को 22.6 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त निवेश मिला, जिससे उनकी कंपनी की वैल्यूएशन 300 करोड़ डॉलर यानी लगभग 2463 करोड़ रुपये पर पहुंच गई।

"Jar" का मुख्यालय बेंगलुरु में स्थित है, और इसके सक्रिय उपयोगकर्ता कश्मीर से लेकर अंडमान-निकोबार तक फैले हुए हैं। इस स्टार्टअप के आधे से अधिक उपयोगकर्ता टीयर-1 शहरों से हैं, जबकि 35% उपयोगकर्ता टीयर-2 शहरों से और शेष 15% छोटे शहरों से आते हैं। कंपनी अगले पांच वर्षों में अपने उपयोगकर्ता आधार को बढ़ाकर । 5 करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखती है।

दृढ़ निश्चय और लगन व्यक्ति को आसमान की ऊंचाईयों तक ले जाता है। मिसबाह अशरफ की कहानी भी दृढ़ता का ऐसा ही एक प्रेरक उदाहरण है,जिसने तकनीकी दुनिया के दिग्गजों जैसे एलन मस्क,सुंदर पिचई,बिल गेट्स और स्टीव जॉब्स को सोचने पर मजबूर कर दिया। उन्हे अपने पिता से एक अनमोल सीख मिली, जो उनके  लिए हमेशा प्रेरणास्त्रोत का काम किया। उनके पिता एक शिक्षक थे। उन्होंने कहा था, जो धीरे-धीरे चलते हैं वे गिरते नही। यह सीख मिसबाह के जीवन की दिशा तय करने वाली बनी। इसी दृढ़ विश्वास के साथ उन्होंने स्कूल छोड़कर अपना खुद का व्यवसाय शुरु करने का फैसला किया।

 


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