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बुर्ज खलीफा में फ्लैट और लग्जरी कारों का काफिला, कैसे छोटे शहर का लड़का बना 8,000 करोड़ का मालिक, पढ़िए प्रेरक कहानी



कड़ी मेहनत और समझदारी भरी सोच व्यक्ति को सफलता की नई ऊँचाइयों तक पहंचा सकती है । हालांकि .यह सफलता हासिल करने के लिए मेहनत और बुद्धिमता दोनों का मेल ज़रूरी है । इसी कड़ी में आज हम बात करने जा रहे हैं मध्य प्रदेश के छोटे शहर जबलपुर से आने वाले सतीश सनपाल की जो दुबई की सबसे ऊंची इमारत, बुर्ज खलीफा, में रहते हैं। उनका जीवन हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। छोटी उम्र में पढ़ाई छोड़ने के बाद उन्होंने अपनी दुकान खोली और कुछ ही सालों में दुबई के प्रमुख बिजनेसमैनों की सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया।

सतीश सनपाल आज दुबई में एनाक्स होल्डिंग जैसी बड़ी कंपनी का नेतृत्व करते हैं। उनका यह सफर यह बताने के लिए काफी है कि कड़ी मेहनत, समझदारी और दृढ़ संकल्प सफलता की कुंजी हैं।

जीवन की शुरुआत
सतीश का जन्म जबलपुर में हुआ और उनका परिवार आर्थिक रूप से संपन्न नहीं था। लेकिन उनके पास बड़े सपने और आगे बढ़ने की मजबूत इच्छा थी। उन्होंने अपनी युवावस्था में छोटे-मोटे व्यवसाय शुरू किए। कुछ असफल रहे, लेकिन हर अनुभव ने उन्हें महत्वपूर्ण सीख दी और उनके भविष्य की दिशा तय की।

दुबई का सफर
बेहतर अवसर की तलाश में सतीश सनपाल 11 साल पहले दुबई आए थे। उस समय उन्हें वहां के माहौल और बिजनेस की ज्यादा जानकारी नहीं थी। शुरुआत में उन्होंने छोटे ग्राहकों को स्टॉक मार्केट के दलालों से जोड़ने का काम किया, जिससे उन्हें काफी अनुभव मिला। यही समय था जब उन्हें लगा कि दुबई शायद वह शहर है, जो उनके सपनों को साकार कर सकता है। उन्होंने बाजार की समझ हासिल की। स्पष्ट लक्ष्य और विज़न के साथ उन्होंने एनाक्स होल्डिंग की स्थापना की। उनका मकसद उच्च गुणवत्ता वाली परियोजनाएँ तैयार करना और भरोसा जीतना था। लगातार मेहनत और स्मार्ट रणनीति ने उनकी कंपनी को सफलता की ओर अग्रसर किया।

यह भी पढ़ें- हेल्थकार्ट के संस्थापक समीर माहेश्वरी की कहानी: मेहनत, लगन और उद्यमिता की मिसाल

एनाक्स होल्डिंग 
एनाक्स होल्डिंग (ANAX Holdings) एक विश्वसनीय और प्रतिष्ठित नाम बन चुका है। कंपनी ने आवासीय, व्यावसायिक और होटल परियोजनाओं में उल्लेखनीय काम किया है। उनके प्रसिद्ध प्रोजेक्ट्स में वी-सूट्स और एवोरा शामिल हैं, जो आधुनिक, स्टाइलिश और सावधानीपूर्वक डिज़ाइन किए गए हैं। ये परियोजनाएँ स्मार्ट तकनीक और कंपनी की उत्कृष्टता का प्रतीक हैं।

जबलपुर से दुबई तक का उनका सफर आसान नहीं था, लेकिन सतीश ने सफलता पाने का ठान लिया था। कम पढ़े-लिखे होने के बावजूद, उन्होंने किसी के अधीन काम करने से इंकार कर दिया और अपना खुद का बिजनेस खड़ा किया । आज यह कंपनी तीन प्रमुख क्षेत्रों में काम कर रही है- ANAX डेवलपमेंट्स, ANAX हॉस्पिटैलिटी और ANAX कैपिटल। कंपनी लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही है। 

सवाल उठता है कि सतीश ने अपने बिजनेस को इतनी ऊंचाईयों तक कैसे पहुँचाया? इसका श्रेय कोरोना काल में उठाए गए कदमों को जाता है। जब पूरी दुनिया ठप पड़ गई थी, तब भी सतीश लगातार काम कर रहे थे। इस दौरान दुबई में प्रॉपर्टी के दाम काफी कम हो गए, और सतीश ने इसमें निवेश कर दिया। आज वही प्रॉपर्टी उनकी कंपनी के लिए बड़ी सफलता का जरिया बन चुकी हैं।

सतीश सनपाल का रहन-सहन
सतीश आज दुनिया की सबसे ऊंची इमारत, बुर्ज खलीफा, में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके पास कई लक्ज़री कारें और याच भी हैं। सतीश का लक्ष्य 2034 तक दुनिया के टॉप 10 अरबपतियों में अपना नाम दर्ज कराना है। इसी साल उनकी कंपनी चार नए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स लॉन्च करने वाली है।



सतीश की नेट वर्थ
सतीश की नेट वर्थ लगभग 8,000 करोड़ रुपये आंकी जाती है। उनके पास 35 करोड़ की बुगाटी चिरॉन और 5 रोल्स रॉयस कारें हैं।  

नेक कार्यों में रुचि

सतीश सनपाल जरूरतमंदों की मदद करने में भी पीछे नहीं रहते। उन्होंने युगांडा में 2,000 बच्चों को खाना खिलाने के लिए दान किया, जो "आशा, देखभाल और प्रेम" अभियान का हिस्सा था। कोविड महामारी के दौरान उन्होंने मज़दूरों को मास्क और आवश्यक सामान उपलब्ध कराए। सतीश का मानना है कि अगर आप अपनी सफलता दूसरों के साथ साझा नहीं करते, तो उसका कोई वास्तविक मतलब नहीं होता।

सतीश सनपाल का सफर केवल सफलता तक सीमित नहीं है। यह साहस, कभी हार न मानने का जज़्बा, दूसरों की मदद करने और लगातार आगे बढ़ते रहने की प्रेरक कहानी है। आज वे कई लोगों के लिए एक आदर्श और प्रेरणादायक नेता बन चुके हैं।


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