अक्सर लोग मानते हैं कि बड़ी सफलता उन्हीं को मिलती है जिनके पास बड़ा नाम, या बैंक बैलेंस होता है।
लेकिन हेल्थकार्ट (HealthKart) के संस्थापक और सीईओ समीर माहेश्वरी की कहानी इस सोच को पूरी तरह गलत साबित करती है। उन्होंने आईआईटी दिल्ली और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल जैसे नामी संस्थानों से पढ़ाई की है। आइए, जानते हैं समीर माहेश्वरी की इस प्रेरणादायक सफल यात्रा के बारे में।
हेल्थ कार्ट की नींव
मिडिल क्लास पृष्ठभूमि से आने वाले समीर ने आज 4,500 करोड़ रुपये की कंपनी खड़ी की है, फिर भी उन्होंने अपनी जड़ों और सादगी को कभी नहीं छोड़ा। यही विनम्रता और अपनी पहचान से जुड़ाव उनकी कामयाबी का सबसे बड़ा रहस्य बना। उन्होंने वर्ष 2011 में हेल्थकार्ट (HealthKart) की स्थापना की। नवंबर 2024 तक कंपनी का मूल्य बढ़कर 4,500 करोड़ रुपये (लगभग 50 करोड़ डॉलर) तक पहुंच चुका था।
आज भी जमीन से जुड़े व्यक्ति
आज भले ही समीर माहेश्वरी आर्थिक रूप से एक स्थिर और आरामदायक स्थिति में हों, लेकिन उन्होंने अपनी मध्यवर्गीय आदतों को अब तक संजोकर रखा है।
चाहे बात महंगे जूते खरीदने से पहले झिझकने की हो या सबसे अच्छे सौदे की तलाश में कई वेबसाइटें खंगालने की यह सब उनकी सोच और जीवन दृष्टिकोण का हिस्सा है, न कि केवल पैसों का मामला।
समीर इस गहराई से जुड़ी आदत को अपना “मिडिल-क्लास OS” (ऑपरेटिंग सिस्टम) कहते हैं — एक ऐसा आजीवन सिस्टम जो उनके सोचने, निर्णय लेने और काम करने के तरीके को लगातार प्रभावित करता रहता है।
उनका मानना है कि संघर्ष ने उन्हें जीवन का उद्देश्य दिया, और सीमित साधनों ने उनमें लचीलापन, जुझारूपन और दृढ़ता विकसित की।
उद्यमी बनने से बहुत पहले ही, जीवन की परिस्थितियों ने उन्हें मन और दृष्टिकोण से एक सच्चा उद्यमी बना दिया था।
समीर माहेश्वरी के लिए मध्यवर्गीय होना सिर्फ एक आर्थिक स्थिति नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन है जो आत्मनिर्भरता, मेहनत और ज़मीन से जुड़े रहने की भावना पर आधारित है।
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